۴ آذر ۱۴۰۳ |۲۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 24, 2024
शरई अहकाम

हौज़ा / आक़े वालेदैन होना शरीयत मे हराम हैं,और वह यह हैं कि औलाद का मां-बाप से किसी भी तरह की बदसुलूकी(दुर्व्यवहार)करना कि ।जो इनके हक़ में एहसान फरामोशी शुमार हो

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली सिस्तानी ने पूछे गए सवाल का जवाब दिया हैं जो शरई मसाईल में दिलचस्पी रखते हैं,उनके लिए पूछे गए सवाल और उसके जवाब का पाठ बयान किया जा रहा हैं।

सवाल:क्या आक़ वालदैन होना शरीयत में हराम हैं,और आक वालदैन से क्या मुराद हैं?

जवाब:आक़ वालदैन होना शरीयत में हराम हैं,और वह यह हैं कि औलाद का मां-बाप से किसी भी तरह की बदसुलूकी(दुर्व्यवहार)करना कि जो इनके हक़ में एहसान फरामोशी शुमार हो।

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